Lord Shiva

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HAR HAR MAHADEV

Sunday, September 1, 2013

विवेकानंद

एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानन्द के समीप आकर बोली: "मैं आपसे विवाह करना चाहती हूँ।"

विवेकानंद: "क्यों? मुझसे क्यों? क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूँ!"

औरत: "मैं आपके समान ही गौरवशाली, सुशील और तेजोन्मयी पुत्र चाहती हूँ और वो तब ही संभव होगा जब आप मुझसे विवाह करेंगे।"

विवेकानंद: "हमारा विवाह तो संभव नहीं है, परन्तु हाँ, एक उपाय है।"

औरत: क्या?

विवेकानंद: "आज से मैं ही आपका पुत्र बन जाता हूँ, और आप मेरी माँ बन जाओ... आपको मेरे रूप में मेरे जैसा पुत्र मिल जायेगा।"

(औरत स्वामी विवेकानंद के चरणों में गिर गयी और बोली कि आप साक्षात् ईश्वर के रूप है।)

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