Lord Shiva

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HAR HAR MAHADEV

Tuesday, August 27, 2013

इसे कहते है पुरुष और ये होता है पुरुषार्थ...

एक विदेशी महिला विवेकानंद के समीप आकर बोली: "
मैं आपस शादी करना चाहती हूँ "
विवेकानंद बोले: " क्यों?
मुझसे क्यों ? क्या आप जानते नहीं की मैं सन्यासी हूँ?"

औरत बोली: "मैं आपके जैसा ही गौरवशाली,सुशील और तेजोमयी पुत्र चाहती हूँ और वो तब ही संभव होगा जब आप मुझसे विवाह करेंगे"

विवेकानंद बोले: "हमारी शादी तो संभव नहीं है, परन्तु हाँ एक उपाय है"
औरत: क्या?
विवेकानंद बोले "आज से मैं ही आपका पुत्र बन जाता हूँ, आज से आप मेरी माँ बन जाओ...आपको मेरे रूप में मेरे जैसा बेटा मिल जायेगा ।"

औरत विवेकानंद के चरणों में गिर गयी और बोली की आप साक्षात् ईश्वर के रूप है ।
इसे कहते है पुरुष और ये होता है पुरुषार्थ...

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